
छत्तीसगढ़ में योग को जनआंदोलन बनाने की पहल, योग आयोग ने गठित किया 41 सदस्यीय मार्गदर्शक मंडल
रायपुर। छत्तीसगढ़ योग आयोग ने राज्य में योग को व्यापक जनभागीदारी वाला आंदोलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आयोग ने 41 सदस्यीय मार्गदर्शक मंडल (योग प्रचार समिति) का गठन किया है, जो राज्य में योग को जनजागरण अभियान के रूप में विस्तारित करने का कार्य करेगा। यह समिति आयोग अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा के नेतृत्व में काम करेगी।
इस पहल की पहली बैठक राजधानी रायपुर स्थित सर्किट हाउस में आयोजित हुई, जिसमें पूर्व राज्यपाल रमेश बैस मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “योग भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह आत्मचिंतन और स्वास्थ्य का अद्भुत साधन है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, तो 145 देशों ने योग को अपनाया, लेकिन हमारे देश में इसकी व्यापक स्वीकार्यता अभी भी एक चुनौती है।”
योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा ने कहा कि योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाने और “करो योग, रहो निरोग” के संकल्प को साकार करने के लिए मार्गदर्शक मंडल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि समिति में राज्य के विभिन्न हिस्सों से समाजसेवी, विधायक, सांसद, संत, शिक्षाविद, सेवानिवृत्त अधिकारी और पत्रकारों को शामिल किया गया है।
योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी सुनियोजित बैठक में योग प्रशिक्षकों की चयन प्रक्रिया को व्यवस्थित करने हेतु नियमावली तैयार करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए तीन विशेषज्ञों – IAS जीआर चुरेंद्र, योग विषय में पीएचडी डॉ. सीएल सोनवानी, तथा वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद आसकरण जैन को सर्वसम्मति से नामित किया गया।
अगली बैठक जशपुर में, चर्चा होगी नवाचारों पर मार्गदर्शक मंडल की आगामी बैठक जशपुर में आयोजित की जाएगी, जिसमें गुजरात मॉडल, योग स्टूडियो, शालाओं में अनिवार्य योग, योग सप्ताह, योग पत्रिका, प्रतिस्पर्धाएं, और सम्मान समारोह जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी।
यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ में योग के प्रसार को गति देगी, बल्कि इसे स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति से जोड़ते हुए समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।